Ekta Singh

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लेखनी कहानी -04-Nov-2022

प्रतियोगिता हेतु मेरी रचना 4 नवंबर 2022 

*** मतलबी दोस्ती***
 
कुछ लोग कहते हैं दोस्तों।
यारी निभाने के लिए दोस्तों।
बरसों सींचना पड़ता है दोस्तों।

तब जाकर दिल की बगिया में दोस्तों।
रंग बिरंगे फूल खिला करते हैं दोस्तों।
फूलो से मतलब खुशिया है दोस्तों।

बादल से मतलब गम हैं दोस्तों।
पर मैंने बहुत शिद्दत से निभाई दोस्तों।
उस पर बहुत नाज था दोस्तों।

दिल खोल कर सबसे यही बोलती दोस्तों।
एक ही हमदर्द इधर रहता हैं दोस्तों।
उसकी बातों ने ऐसा ज़ख़्म दिया दोस्तों।

जैसे सीने में खंजर उतरा हो दोस्तों।
अब तो दोस्ती पर यक़ीन नहीं दोस्तों।
हर तरह मतलब नजर आता है दोस्तों।

इससे बेहतर अकेला रहना दोस्तों।
अब कलम ही साथी मेरी दोस्तों।
अब कलम ही साथी मेरी दोस्तों।

एकता सिंह चौहान
  दिल्ली

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9 Comments

Suryansh

08-Nov-2022 09:52 AM

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Teena yadav

05-Nov-2022 05:13 PM

Superb

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Haaya meer

05-Nov-2022 04:41 PM

Amazing

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